आर ओ वाटर पीने के फायदे और नुकसान
आर ओ जल R O WATER, के पीने से होने वाले फायदे एवं नुकसान।
डॉ महेश नारायण गुप्त
असिस्टेंट प्रोफेसर
नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ
वाराणसी।
वर्तमान समय में हमारे भारत देश में आर ओ जल का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ चला है। महानगर के साथ छोटे शहरों में इसका चलन बहुत जोरों पर है। परन्तु अब यह पानी का व्यवसाय इतना अधिक फ़ैल चुका है कि गाँव भी इसकी गिरफ्त में आते जा रहे हैं।
आइये इस आर ओ फ़िल्टर का इतिहास जान लेते है।
आर ओ का अविष्कार सन 1950 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय अमेरिका में हुआ था। इस खोज का उद्देश्य था समुद्री गंदे खारे पानी को साफ कर पीने योग्य जल बनाना।
1977 में इस आर ओ फ़िल्टर का सर्वप्रथम उपयोग अमेरिका के फ्लोरिडा शहर में पानी को साफ कर पीने योग्य बनाने हेतु किया गया था।
अमेरिकी नौसेना द्वारा आर ओ फ़िल्टर का उपयोग अपने नेवी जवानों को समुद्री पानी को साफ कर पीने का पानी उपलब्ध करने हेतु किया जाता है।
कुछ लोग अज्ञानता वश तो कुछ लोग शानो शौकत के लिए आर ओ का जल पीने हेतु घर में मशीन लगवाते हैं। या आर ओ का गैलन घर मंगाते हैं।
आर ओ जल पीने का फायदा--------
एकमात्र फायदा यह है कि यह पानी को साफ कर देता है साथ ही आपके जेब को भी साफ कर देता है।
आर ओ बेचने वाली कम्पनियाँ प्रचार के बल पर पढ़े लिखे लोगों एवं अनपढ़ जनता का ब्रेनवाश करके बीमारी का भय दिखाकर उनको आर ओ का पानी पीने को मजबूर करती हैं।
इस काम में कम्पनियाँ डॉक्टरों का भी समर्थन दिखाती हैं। आर ओ कंपनियों के एजेंट आपके घर के पानी को जांचकर बताते है कि आपका पानी पीने योग्य नहीं है अशुद्ध और जहरीला है। जरा सोचिये?🙇🏻🙇🏻🙇🏻🙇🏻
जिस पानी को आपके दादा नाना पुरखे पीकर स्वस्थ जीवन जिए ।जिस पानी को आपका परिवार कल तक पिया वही पानी आज हानिकारक हो गया।
आर ओ कम्पनियाँ कहती है कि आपके पानी का टी डी एस ज्यादा है।
आइये जानते हैं कि ये टी डी एस आखिर कौन सी बला है।
TDS मतलब Total Dissolved solid. अर्थात जल में घुले कणों की संख्या को टी डी एस कहते है।
खनिज लवण ( जैसे सोडियम पोटासियम कैल्सियम मेगनीसियम मैंगनीज आयरन आयोडीन क्लोराइड बाईकार्बोनेट ), कार्बनिक पदार्थ , अकार्बनिक पदार्थ , सूक्ष्म जीव(microorganisms ) आदि को सम्मिलित रूप से टी डी एस कहते है।
TDS जल की शुद्धता का पैमाना नहीं है???😳
ऐसा मीटर जो टी डी एस मापता है पानी की शुद्धता का सही माप नहीं कर सकता है। क्योंकि यह केवल जल में घुले कणों की संख्या मापता है।
पानी में शरीर के लिए लाभदायक कणो की संख्या ज्यादा होने पर भी पीने योग्य शुद्ध जल का टी डी एस ज्यादा होगा ।
वहीँ दूसरी तरफ प्रदूषित न पीने योग्य जल में हानिकारक कणों ( केमिकल पेस्टीसाइड) की संख्या कम होने पर भी जल का टी डी एस कम होगा।
यूरोप के विकसित देशों में नल के पानी का टी डी एस 200 से 700 के बीच पाया जाता है। वहां की जनता इस टी डी एस को कम करने के उपाय सोचकर अपना समय एवं धन व्यर्थ नहीं करना चाहती है।
टी डी एस का महत्त्व -----------
इन्ही घुले हुए कणों के कारण पानी स्वादिष्ट बनता है।
😳अमेरिका ने पीने योग्य पानी का मानक 500 टी डी एस तय किया है।
आइये अब आर ओ जल के नुकसान का आकलन एक एक कर करते है।👎🏿👎🏿👎🏿
आर ओ फ़िल्टर जल में प्राकृतिक रूप से मौजूद शरीर के लिए आवश्यक खनिज तत्वों को भी छान देता है। जिसके परिणाम स्वरुप शरीर में खनिज तत्वों की कमी हो जाती है ।जिससे शरीर की हड्डी कमजोर हो जाती है, मांसपेशियों में एठन होती है।
पानी की बर्बादी------------>
एक लीटर आर ओ पानी बनाने में 7 लीटर पानी बर्बाद होता है। आर ओ मशीन से एक पाइप निकली रहती है जिससे पानी लगातार बहकर नाली में जाता रहता है। जिससे पानी का भूजल स्तर गिरता जायेगा। जिसके लिए हमारी आने वाली पीढियां माफ़ नहीं करेंगी।
बिजली की खपत------------>
बिना बिजली के आर ओ मशीन नहीं चलती है। बिजली के बिल का बोझ बढ़ता है।
कर्ट्रिज़ बदलने का खर्च----------->
लगभग साल डेढ़ साल में फ़िल्टर ख़राब हो जाता है। जिसे बदलने का खर्च लगभग 3 हजार न्यूनतम हटा है।
आर ओ पानी पीना कैंसर को बढ़ावा--------->
आर ओ फ़िल्टर प्लास्टिक का बना होता है । तेज प्रेशर से पानी को फ़िल्टर से छाना जाता है जिससे कुछ मात्रा में प्लास्टिक का अंश भी पानी में घुल जाता है जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
आर ओ पानी का लगातार सेवन हार्ट अटैक का कारण---------->
अमेरिका में ६ वर्षो तक 20000 स्वस्थ व्यक्तियों जिनकी उम्र 38 से 100 वर्ष के बीच थी पर एक शोध किया गया जो की 1 मई 2002 के अमेरिकन जर्नल ऑफ़ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुई है। के मुताबिक लगातार आर ओ पानी पीने से शरीर में कैल्सियम और मैगनीसियम की कमी हो जाती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
आर ओ पानी एसिडिक ( अम्लीय) होता है।----------->
आपको जानकर हैरानी होगी कि आपका मनपसंद चहेता आर ओ का जल एसिडिक होता है।
शुद्ध प्राकृतिक जल का pH 7 होता है।
आर ओ का पानी 5 से 6 pH का होता है। 5pH का पानी 7 pH वाले जल से 100 गुना अधिक एसिडिक होता है।
आर ओ पानी पीने से शरीर के खून का pH बदल जाता है।
एक रिसर्च के अनुसार एसिडिक पानी को न्यूट्रल करने के लिए शरीर को अधिक कार्य करना पड़ता है। जिसके एवज में शरीर से कैल्सियम और मैगनिसियम जो की हड्डी और दांत में रहता है धीरे धीरे क्षरण होकर कम होने लगता है।
डॉ ओटो वारबुर्ग 1931 जिन्होंने कैंसर के कारणों की खोज की और नोबल पुरस्कार प्राप्त किया ,के अनुसार शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी के कारण कैंसर होता है। और यह ऑक्सीजन की कमी शरीर में अम्लीयता एसिडोसिस बढ़ने के कारण होती है।
कोल्ड ड्रिंक पीने से भी शरीर में अम्लीयता बढ़ जाती है।
विश्व स्वस्थ्य संगठन WHO की स्टडी के अनुसार कम खनिज युक्त पानी पीने से पेशाब की मात्रा 20% प्रतिशत बढ़ जाती है जिससे शरीर से सोडियम पोटासियम कैल्सियम क्लोराइड मैगनीसियम आयन अधिक मात्रा में निकल जाते है।
आर ओ पानी का सही एवं वास्तविक रूप से उपयोग केवल उद्योग धंधों फैक्ट्री प्रयोगशालाओं में शोध कार्य आदि के लिए होता है।
इन सभी बातों को अधिक जानने सत्य की परख करने हेतु निम्न रिफरेन्स पर इन्टरनेट पर पढ़ा जा सकता है।
साभार--
WHO study:Health risks from drinking demineralized water.....
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