Hug day / आलिंगन दिवस पर गीत - RJSURABHISAXENA

Hug day / आलिंगन दिवस पर गीत

Hug day (आलिंगन दिवस)" पर विशेष गीत---

इक पल यहाँ, वहाँ दूजे पल
शायद इसको मन कहते हैं।
सुख का दुख से है आलिंगन
लोग इसे जीवन कहते हैं।

फूल बहाते देखे हैं क्या
आंसू खुद के ही उपवन में?
कांटो से आलिंगन हरदम
फिर भी शिकन नही है मन में,
मुस्काते ही रहना हरदम-
इसको ही तो धन कहते हैं।

सुख....

तुम धरती, आकाश सरीखे
हम हैं, ये है नियति हमारी,
क्षितिज जहाँ पर-मिल जाती है
देह हमारी बांह तुम्हारी,
कोई कुछ भी कहे इसे पर
हम पावन बंधन कहते हैं।

सुख.....




होंठ हंसी के ठौर बने तो
आँखें आंसू की थैली हैं,
तुम हो नदिया अब मत सोचो
सागर की बाहें फैली हैं,
खो जाओ, मिट जाओ इसको
जीवन का गायन कहते हैं।

सुख......

#डा.विष्णु सक्सैना

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