प्रेम का पूर्ण समर्पण - "किस डे" पर गीत....
चारो तरफ मुझे दिखता है
प्रेम प्यार का पूर्ण समर्पण।
प्रणय गीत जैसे दोहराएँ
वृंदावन में राधा मोहन।
कान्हा की पद रज चुंबन कर
यमुना मैया धन्य हो गईं,
मैंने तुमको इक पल देखा
तुम जाने किस लोक खो गईं,
नज़रें इक दूजे को चूमें
नाच उठे तब मन का आँगन।
यमुना मैया धन्य हो गईं,
मैंने तुमको इक पल देखा
तुम जाने किस लोक खो गईं,
नज़रें इक दूजे को चूमें
नाच उठे तब मन का आँगन।
प्रणय.....
फूलों की आँखों से काजल
तितली ले आती चुम्बन से,
कोई नही बचा इस जग में
सुंदरता के आकर्षण से,
झील सरीखी आँखों को
आँखें चूमें जैसे हों दर्पण।
तितली ले आती चुम्बन से,
कोई नही बचा इस जग में
सुंदरता के आकर्षण से,
झील सरीखी आँखों को
आँखें चूमें जैसे हों दर्पण।
प्रणय.....
पवन चूमता है धरती को
धरती चूमे आसमान को,
आसमान चूमे सागर को
सागर चूमे प्रकृति प्राण को,
वो दुनिया का सबसे निर्धन
जिसका प्रेम रहित है जीवन।
धरती चूमे आसमान को,
आसमान चूमे सागर को
सागर चूमे प्रकृति प्राण को,
वो दुनिया का सबसे निर्धन
जिसका प्रेम रहित है जीवन।
प्रणय.....
#डा.विष्णु सक्सैना
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