आनंद के गीत की कहानी

जब श्रृषिकेश मुखर्जी फिल्म आनंद की तैयारी में लगे हुए थे तब एक दिन श्रृषिकेश किसी काम से एल वी लक्ष्मण से मिलने गए
श्रृषिकेश के साथ राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन भी थे उस समय एल वी लक्ष्मण, योगेश और संगीतकार सलिल चौधरी के साथ फिल्म अन्नदाता के गीतों की सेटिंग कर रहे थे इतने में श्रृषिकेश राजेश और अमिताभ के कानों में वह गीत पडा कहीं दूर जब दिन ढल जाए यह गीत इन तीनों को इतना भा गया कि उन्होंने एल वी लक्ष्मण के आगे यह प्रस्ताव रख दिया कि यह गीत आप मुझे दे दो क्योंकि यह गीत मेरी फिल्म आंनद के लिए राजेश खन्ना पर बिल्कुल फिट बैठता है पर एल वी लक्ष्मण ने साफ इंकार कर दिया
अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना ने भी लक्ष्मण जी से रिक्वेस्ट की पर लक्ष्मण टस से मस नहीं हुए तब इत्तफाक से अन्नदाता और आंनद के संगीतकार सलील चौधरी ने लक्ष्मण जी को समझाया कि आंनद में जो राजेश खन्ना का किरदार है यह गीत उन पर बिल्कुल फिट बैठेगा
अभी अन्नदाता को रिलीज होने में बहुत समय है तब तक योगेश और मै एक और खूबसूरत गीत रच देंगे बहुत आग्रह करने के बाद लक्ष्मण बोले कि पहले आप मुझे फिल्म की सिचुएशन बताऐं अगर मुझे लगा कि यह गीत फिट बैठेगा तो मैं गौर करूंगा
जब श्रृषिकेश मुखर्जी ने लक्ष्मण को पूरी सिचुएशन बताई तो एल वी लक्ष्मण खुद बोले वाकई में यह गाना फिल्म आंनद के लिए ही बना है ! तो संयोग देखिए अगर
श्रृषिकेश एल वी लक्ष्मण के पास ना जाते तो यह गीत फिल्म अन्नदाता में होता जो गीत फिल्म अन्नदाता के लिए बना वह किस तरह आंनद फिल्म में आ गया
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