ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी - यादें - RJSURABHISAXENA

ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी - यादें

1 August 1932 को जन्मी मीना कुमारी, हिंदी सिनेमा की ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी का जीवन किसी फिल्मी कहानी से अलग नहीं रहा, एक आम परिवार की लड़की ने आसमान की बुलंदियाँ देखी तो वहीँ प्यार में मिली नाकामी ने शराब के क़रीब और क़रीब  कर दिया, यही शराब जवानी में ही उनकी मौत की वजह भी बन गई।

महज 40 साल की उम्र में महजबी उर्फ मीना कुमारी इस दुनिया से चली गईं। आज उनकी सबसे यादगार फिल्मों की बात करेंगे।

परिणिता: शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित फ़िल्म परिणिता । फिल्म में मीना कुमारी नज़र आयी अशोक कुमार की प्रेमिका के रूप में । इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवार्ड भी दिया गया। 

बैजू वावरा: मीना कुमारी को गौरी नाम का किरदार मिला के करियर में चार चांद लगाने वाली इस फिल्म में उनके किरदार का नाम गौरी था। उनकी एक्टिंग के साथ इस फिल्म को नौशाद के शानदार संगीत के लिए आज भी याद किया जाता है।

आजाद: 1955 में रिलीज हुई इस फिल्म में मीना कुमारी ने दिलीप कुमार के अपोजिट रोल किया। यह भी अपनी दौर की सबसे सफल फिल्मों में से एक थी।

सहारा: इस फिल्म की कहानी मीना कुमारी की जिंदगी से जुड़ी हुई थी। इस फिल्म में उनका लीड रोल था और उन्हें इसके लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था।

चिराग कहां, रोशनी कहां: इस फिल्म वह में वह एक ऐसी महिला के रोल में थीं, जो अपने बेटे को जन्म देने से पहले ही पति को खो देती है।

साहब, बीबी और गुलाम: गुरुदत्त की इस सुपरहिट फिल्म में मीना ने अपने छोटे बहू के किरदार से सबका दिल जीता था। उनकी इस फरफॉर्मेस को आज भी भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेस में शामिल किया जाता है।

आरती: यह 1963 का साल था, जब आरती रिलीज हुई थी। तब मीना अपने करियर के चरम पर थीं। फिल्मफेयर अवार्ड में बेस्ट एक्ट्रेस के तीनों नॉमिनेशन उन्हीं के नाम पर थे। आरती के लिए भी उन्हें नॉमिनेट किया गया था। हालांकि अवार्ड उन्हें साहब, बीबी और गुलाम के लिए मिला।

मैं चुप रहूंगी: यह वह तीसरी फिल्म थी, जिसके लिए साल 1963 में उनका बेस्ट एक्ट्रेस के तौर पर फिल्मफेयर अवार्ड में नॉमिनेशन हुआ था। फिल्म में उनकी और सुनील दत्त की जोड़ी को बहुत पसंद किया गया।

दिल एक मंदिर: इस फिल्म में मीरा कुमारी की दर्दभरी प्रेम कहानी है। इसमें मीना की एक्टिंग को जितना पसंद किया गया, उतना ही बड़ा हिट शंकर-जयकिशन का म्यूजिक भी रहा।

काजल: कहते हैं इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मीना और धर्मेद्र एक-दूसरे के करीब आ गए थे। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता दर्ज की थी और मीना को चौथी बार बेस्ट एक्ट्रेस के अवार्ड से नवाजा गया।

फूल और पत्थर: इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। इसमें धर्मेद्र और मीना कुमारी की ऐसी कैमिस्ट्री थी कि दोनों की जोड़ी को बॉलीवुड की सबसे सफल जोड़ी माना गया। इसी फिल्म से धर्मेद्र को स्टारडम भी मिला।

पाकीजा: इसे मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने बनाया था, जिसकी शूटिंग में लगभग 14 साल लग गए थे। बीमार होने के बावजूद मीना कुमारी ने इसकी शूटिंग की। पाकीजा उनकी मौत से कुछ हफ्ते पहले रिलीज हुई। शुरू में यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई, लेकिन मीना कुमारी की मौत की खबर के बाद फिल्म को जबदरस्त सफलता मिली।



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