माँ, तू क्यों खफ़ा हो गयी ।।
यूँ ज़िन्दगी बस बेवफ़ा हो गयी
जब से मेरी माँ तू खफ़ा हो गयी
कोई भी नहीं है, माँ तेरे सिवा मेरा
बता दे, मुझसे क्या खता हो गयी
मेरी माँ, तू क्यों खफ़ा हो गयी ।।
डर मुझको, अब भी लगता है माँ
गले मुझको, कोई न धरता है माँ
माँ रूठी, जिंदगी जैसे सज़ा हो गयी ।।
#सुरभि
जब से मेरी माँ तू खफ़ा हो गयी
कोई भी नहीं है, माँ तेरे सिवा मेरा
बता दे, मुझसे क्या खता हो गयी
मेरी माँ, तू क्यों खफ़ा हो गयी ।।
डर मुझको, अब भी लगता है माँ
गले मुझको, कोई न धरता है माँ
माँ रूठी, जिंदगी जैसे सज़ा हो गयी ।।
#सुरभि
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