इश्क की आग - RJSURABHISAXENA

इश्क की आग

इश्क की आग में खुद को जलाया, प्यार किया, ख़ुद भी निभाया 
त्याग भरे रिश्ते भी देखे,धूप सुनहरी सपने भी देखे,
उन सपनों की सर्द छुअन,तपती धरती पर भी चले...
अब ममता की छांव तले,बैठे, तो कुछ आराम मिला 

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