सदाबहार १० गाने
हिंदी फ़िल्मों का संगीत सुनते सुनते ही हम और आप बड़े हुए हैं, संगीत की दुनिया का वो सुनहरा दौर अपने आप में एक मिसाल है और वो जादू खनक बनकर हमारे आसपास गूंज रहा है, साठ और सत्तर के दशक में जिन गीतों ने धूम मचाई वे सभी गाने आपके के लिए ऍफ़ ऍम गोल्ड 106.4 मेगा हर्ट्ज़ पर आपके सुरभि के साथ कार्यक्रम सदाबहार १० गाने में.
आपको ये भी बता दें की गोल्डन दौर के वो उन सभी गानों के शौक़ीन केवल भारत ही में नहीं है बल्कि विदेशों में भी खासी संख्या में हैं, उस गोल्डन दौर का ये सुनहरा गाना आप की नज़र
हिंदी फ़िल्म के गीतों के लिए दूसरे देशों के लोगो में दीवानेपन कि हद ये है, कि वहां पर हिंदी गीतों को आप लोकल भाषा में भी बजता हुआ पायेंगे, पड़ोसी देश श्री लंका में संगीतकार रवि के गीतों के प्रति यही दीवानगी इसी बात का प्रमाण है, दिल को छू लेने वाले कितने सारे सुरीले गीतों को संगीतबद्ध किया रवि ने चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं, 'चौदहवीं का चांद हो, 'बाबुल की दुआएं लेती जा , ऎ मेरी जोहराजबीं, 'वफा जिनसे की बेवफा हो गए, 'नीले गगन के तले, ये सभी गाने हमारी यादों का सरमाया है, लता मंगेशकर, मुहम्मद रफी, मुकेश, मन्ना डे, महेंद्र कपूर और आशा भोसले के गाए वे तमाम गीत आज भी जिस तरह से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है,
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteसुरभि जी इन शानदार नगमों के लिए शुक्रिया.
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