रौशन सवेरा
एक सूरज उग रहा, मेरी भी ज़िन्दगी में..
कुछ बादलों से छिपकर, एक ओट में सिमटकर...
एक नन्ही किरण, छम से मुझ पर भी आ पड़े जो...
आशा यही है मेरी, रौशन सवेरा होगा मेरी भी ज़िन्दगी में..
कुछ बादलों से छिपकर, एक ओट में सिमटकर...
एक नन्ही किरण, छम से मुझ पर भी आ पड़े जो...
आशा यही है मेरी, रौशन सवेरा होगा मेरी भी ज़िन्दगी में..
बहुत बेहतरीन भाव है
ReplyDeleteबहुत खूब, लाजबाब !
ReplyDeleteइन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
ReplyDeletevery touchy
ReplyDeletevery touchy....
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