प्रदेश का इकलौता गरुड़ मंदिर और रूद्र अवतारी शिव🏹
प्रदेश का इकलौता गरुड़ मंदिर और रूद्र अवतारी शिव ⚡नर्मदा मैया के आँचल में सिमटी हैं ऐतिहासिक धरोहरें⚡
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मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा के किनारे आज भी अपने भीतर प्राचीन और अनसुलझे रहस्य समेटे हैं।
जिन्हें संरक्षित करने प्रदेश सरकार लगातार अभियान चलाकर माँ रेवा की जीवंतता को बरकरार रखे है पर वक़्त के साथ इनका वास्तविक स्वरुप रखरखाव के अभाव में बिगड़ रहा है।
बावजूद इसके नर्मदा के किनारे धार्मिक, ऐतिहासिक और गौरवशाली इतिहास की कहानियां आज भी अपने अवशेषों के साथ बुलंद खड़ी हैं।
धार्मिक और पुरातात्विक महत्व की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इसके तटों पर कठोर तपस्या कर देवताओं व ऋषि मुनियों ने खुदको जन्म जन्मांतर के बंधन से मुक्त कर लिया तो कई देवताओं ने मकरवाहिनी की अर्चना कर वरदान प्राप्त किया।
आइये आज हम सुनाते हैं आपको मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की माँ नर्मदा के तटों पर फैली धार्मिक आस्थाओं और विश्वास की कथाओं को।
अग्निबाण की विशेष पेशकश में आप परिचित होंगे रेवा के फलते फूलते हरियाली से भरे किनारे और प्रदेश के एकमात्र गरुड़ मंदिर व रूद्र अवतार में धरती की गोद में विराजमान प्राचीन बाबा भोलेनाथ की गुफा से।
आखिर क्यों की भगवान् गरुड़ ने यहाँ तपस्या और शिव कहाँ विराजे हैं अपने परिवार के साथ, पढ़िए अग्निबाण की विशेष खबर।
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