प्रपोज़ डे पर गीत
आज प्रपोज डे पर मेरा विशेष गीत......
मेरे अंदर खोट बहुत है
अपनाना हो तो अपनालो,
दिल का मंदिर सूना-सूना
आ जाओ एक दीप जला लो।
अपनाना हो तो अपनालो,
दिल का मंदिर सूना-सूना
आ जाओ एक दीप जला लो।
सच कहता हूँ जीवन भर मैं
सुर-लय-ताल समझ ना पाया,
जितना जैसा समझ सका हूँ
गीत कंठ से वैसा गाया...
गीत और सुन्दर हो जाये
मेरे सुर से साज मिला लो।....
सुर-लय-ताल समझ ना पाया,
जितना जैसा समझ सका हूँ
गीत कंठ से वैसा गाया...
गीत और सुन्दर हो जाये
मेरे सुर से साज मिला लो।....
मेरी थकन देख कर मंज़िल
खुद चलकर के पास आगयी,
भरी दुपहरी में भी ठंडक
यही धूप की अदा भा गयी,
पथरीली है डगर तुम्हारी
गिर ना जाऊँ मुझे सम्हालो।....
खुद चलकर के पास आगयी,
भरी दुपहरी में भी ठंडक
यही धूप की अदा भा गयी,
पथरीली है डगर तुम्हारी
गिर ना जाऊँ मुझे सम्हालो।....
कोई कहे मुझे आवारा
कोई कहे मुझे मनमौजी
पर नादान रहा जीवन भर
घूम-घूम कस्तूरी खोजी,
फिर इस जग में खो ना जाऊँ
अपने अंदर मुझे छुपालो।.....
कोई कहे मुझे मनमौजी
पर नादान रहा जीवन भर
घूम-घूम कस्तूरी खोजी,
फिर इस जग में खो ना जाऊँ
अपने अंदर मुझे छुपालो।.....
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