प्रतियोगिता के लिए - RJSURABHISAXENA

प्रतियोगिता के लिए

*1857 की  क्रांति*

*29 मार्च 1857 - मंगल पांडे ने बैरकपुर में विद्रोह*
*8 अप्रैल 1857 - मंगल पांडे को फांसी दे दी गई*
* 10 मई 1857 - मेरठ की पैदल टुकड़ी 20 एन आई से क्रांति शुरु आत*
*28 मई 1857-  नसीराबाद राजस्थान में क्रांति की शुरुआत*
*Ⓜ 1857 की क्रांति के समय भारत का गवर्नर जनरल लार्ड केनिंग था तो ब्रिटेन का प्रधानमंत्री पार्मस्टोन लिबरल पार्टी के थे*
* तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचंद्र पांडुरंग था 18 अप्रैल 1859 को शिवपुरी में अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटका दिया गया*

* 18 57 की क्रांति के प्रमुख केंद्र*
* बरेली खान बहादुर खान*
* जगदीशपुर - कुंवर सिंह यहां पर विद्रोह को दबाया गया विलियम टेलर व  विसेंट अयर द्वारा*
*इलाहाबाद - लियाकत अलि अंग्रेज अधिकारी कर्नल नील*
*फैजाबाद मौलवी अहमदुल्ला*
* फतेहपुर - अजीमुल्ला अंग्रेज अधिकारी रेनार्ड*
* लखनऊ - बेगम हजरत महल अंग्रेज अधिकारी कैंपबैल*
* कानपुर नानासाहेब अंग्रेज अधिकारी कैंपबैल*
* झांसी - लक्ष्मीबाई अंग्रेज अधिकारी ह्यूरोज*
* दिल्ली - बहादुर शाह जफर  अंग्रेज अधिकारी निकलसन हडसन*
*18 57 की क्रांति के बारे में इतिहासकारों का मत*
*1.यह भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था -वी. डी. सावरकर*
*2.यह राष्ट्रीय विद्रोह था - डिजराली*
*3.यह पूर्णतया सिपाही विद्रोह  था - लोरेंस व सिले*
*4.यह अंग्रेजो के विरुद्ध हिंदू एवं मुसलमानों का षड्यंत्र था- आउट्रम,व टेलर*
*5. बर्बरता तथा सभ्यता के बीच युद्ध था - टी. आर. होम्स*
*6.यह धर्मांधों का के विरुद्ध युद्ध था - एल. ई. आर. चीज़*
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*लोक नृत्य*
*1. गुजरों का चरी नृत्य में वाद्य यंत्र बजाया जाता है- ढोल, थाली, बांकीया- फलकू बाई प्रसिद्ध नृत्यांगना*
*2. इन्डोणी नृत्य - पूंगी, खंजरी*
*3. कच्छी घोड़ी - शेखावाटी का प्रसि़द्ध नृत्य जिसे सरगड़ा जाती ढोल वाद्य यंत्र के साथ करती है।*५
*4. गवरी नृत्य - सावन भादो में मांदल व थाली वाद्य यंत्र के साथ पुरूषो द्वारा दिन में किया जाता है।*
*5. गरबा नृत्य - नवरात्रा के अवसर पर किया जाता है।*
*6. गैर - कडाणा बाड़मेर की प्रसिद्ध पुरूषो द्वारा।*
*7. घुड़ला - मारवाड़ का प्रसिद्ध , मणि गांगुली और देवीलाल सामर का विशेष योगदान।*
*8. घूमर नृत्य - ढोल, नगाड़ा, शहनाई वाद्य यंत्र के साथ।*
*9. डांडिया - मारवाड़ में होली के बाद*
*10. चकरी - चोतारा - तन्दूरा इसे वेणों भी कहते है।*
*11. तेरहताली - मंजीरा, तानपूर, चौतारा वाद्य यंत्र के साथ कामड़ जाती की महिलाओं द्वारा।*
*12. बम - भरतपुर में नई फसल आने पर किया जाता है।*
*13. वालर - गरासियों मे विवाह पर पुरुषों द्वारा बिना वाद्य यंत्र के साथ।*
*14. शंकरिया - कालबेलियों का प्रेम पर आधारित नृत्य।*
*15. ढफ नृत्य - बसंत पंचमी माघ शुक्ल पंचमी पर।*
*16. ढोल नृत्य - जालौर - सांचलिया सम्प्रदाय- विवाह के अवसर पर पुरुषों द्वारा, इसे प्रकाश में लाने का काम जयनारायण व्यास ने किया।*
*17. बिंदोरी - झालावाड़ का प्रसि़द्ध यह विवाह या होली के अवसर पर किया जाता है।*
*18. डांग नृत्य - नाथद्वारा में होली के अवसर पर स्त्री-पुरुषों द्वारा।*
*19. लहूर नृत्य - शेखावाटी का अश्लील नृत्य।*
*20. चरवा नृत्य - मारवाड़ में माली समाज की महिलाओं द्वारा*
*21. झूमरा नृत्य - मेवाड़ में वीर रस प्रधान। ध्यान रखें - झूमरा एक वाद्य यंत्र भी हैं।*
*22. धाकड़ - शोर्य से परिपूर्ण झालापाव व बीरा के बीच यु़द्ध*
*23. चकरी - ढफ, मंजीरा, नगाड़ा वाद्य यंत्र के साथ प्रियतम से शृंगार लाने के लिये।*
*24. रणबाजा - मेवो का युगल नृत्य।*
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