जॉनी मेरा नाम - फ़िल्म की जानकारी - RJSURABHISAXENA

जॉनी मेरा नाम - फ़िल्म की जानकारी


1970 में एक फिल्म आई जॉनी मेरा नाम इस फिल्म को डायरेक्ट  किया था गोल्डी आनंद यानी कि विजय आनंद साहब ने

इस फिल्म में देवानंद हेमा मालिनी प्राण प्रेम नाथ और बहुत कलाकार थे इस फिल्म ने बहुत धूम मचाई और बन गई सन 1970 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म !
इस फिल्म की शूटिंग ज्यादातर जमशेदपुर और उसके आसपास के इलाकों में हुई थी

इसी की वजह से जब यह जमशेदपुर और उसके आसपास के इलाकों में रिलीज हुई तो तो वहां के लोगों में इस फिल्म फिल्म को देखने का कुछ ज्यादा ही उत्साह  था क्योंकि इसकी शूटिंग वही हुई थी लोग सिनेमा हॉल की खिड़की पर देर रात से ही लाइन  लगा कर खड़े हो जाते थे

भीड़ इतनी हो जाती थी कि कभी-कभी पुलिस को बुलाकर भीड़ पर काबू करना पड़ता था लोगो का इतना क्रेज़ था इस फिल्म के लिए जमशेदपुर में

इसी दौरान एक दिन हुआ यूं कि जमशेदपुर के नटराज टॉकीज़ में लोग इस फिल्म को देखने के लिए टूट पड़े लोगों की भीड़ टिकट विंडो के सामने इतनी लग गई कि आपस में धक्का मुक्की हो गई जब धक्का मुक्की हुई तो बात बढ़ गई बात बड़ी गई तो बात झगड़े तक पहुंच गई झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि सिनेमा हॉल के मालिक ने पुलिस को फोन कर दिया कि मामला हाथ से निकला जा रहा है भीड़ बेकाबू हो रही है और लोग सिनेमा हॉल के दरवाजे तोड़ने पर उतारू है आस पास खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं मामला बहुत ज्यादा गंभीर हो गया

इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस आई पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की मगर भीड़ बेकाबू थी वह मानी नहीं जब भीड़ नहीं मानी तो मजबूरन पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा लाठीचार्ज से भी बात नहीं बनी आख़िर में पुलिस को मजबूर होकर गोली चलानी पड़ी और गोलियां लग गई दो मासूम बच्चों को जिन की मौके पर ही डैथ हो गई संभवत है यह पहला ऐसा केस है कि किसी फिल्म के लिए लोगों में इतना पागलपन था और इस पागलपन ने दो मासूम बच्चों की जान ले ली यह दोनों मरने वाले बच्चे जमशेदपुर के ही थे PS हाई स्कूल के छात्र थे

इस घटना के बाद नटराज थियेटर को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया और जब बाद में इस फिल्म को नटराज  पर द्वारा लगाया गया तो शासन की व्यवस्था और पुलिस की कड़ी व्यवस्था और कड़ी निगरानी में फिल्म जॉनी मेरा नाम का शो आरंभ हुआ।।।

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