"दिल जलता है तो जलने दे" - मुकेश

यह भी हम सब जानते हैं वो गीत था "दिल जलता है तो जलने दे" इस गीत की रिकॉर्डिंग के बाद मुकेश जी की
खुशी रह गई आधी जब उन्हें पता चला कि गीत तो रिकॉर्ड कर लिया गया है लेकिन गीत फिल्म में नहीं रखा
जाएगा
मुकेश जी फ़ौरन फिल्म के निर्माता मजहर खान के पास गए और उनसे बोले यह ऐसा क्यों कर रहे हो ?
मजहर खान ने कहा बात कुछ यूं है मोतीलाल की जो फिल्मों में इमेज है वह इतनी सीरियस नहीं है जितनी की इस गाने में सुनाई पड़ती है इसलिए यह गाना उन पर बिलकुल मैच नहीं करता
मुकेश जी ने मजहर खान से कहा आप ऐसा मत कीजिए मैंने और अनिल दा ने यह गीत बड़ा मन से बनाया है
मेरा कैरियर बनने से पहले ही खत्म हो जाएगा पर मजहर खान साहब अड़े रहे उनका मानना था इस जिससे पब्लिक बोर हो जाएगी और जिसका असर उनकी फिल्म पर भी पड़ेगा
मुकेश जी भी हठी थे वह डटे रहे काफी जद्दोजहद के बाद मजहर खान एक शर्त पर इस गीत को फिल्म में रखने के लिए राजी हो गए की वह इस गीत को एक हफ्ते के लिए फिल्म में रखेंगे अगर यह गीत पब्लिक को पसंद आ गया तो ठीक वरना उसके बाद इस गाने को फिल्म से हटा दिया जाएगा
मुकेश जी के लिए एक एक पल एक एक साल के जैसा लगता था दिन गुजरे हफ्ते गुजरे महीने गुजरे
आखिरकार वो दिन आ गया जिस फिल्म रिलीज हुई और यह गाना जिस गाने को प्रोडूसर मज़हर ख़ान नहीं
रखना चाहते थे वही गाना फिल्म की जान बन गया
हम सबको मालूम नहीं की मजहर खान कौन है कौन नहीं। ..
परंतु आज भी मुकेश जी का गाया हुआ यह गाना करोड़ों लोगों को याद है....
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