एक गीत आज़ादी का - देखो वीर जवानों अपने ;खून पे ये इलज़ाम न आये

इस फ़िल्म के सब गाने हिट रहे मगर इस सिचुएशनल गीत का कोई तोड़ नहीं है...
मित्रो ! गीत यू -ट्यूब पे देखा -सुना जा सकता है
यहाँ पढने के बाद उसे देखें.... और नमन करें उनको जिन्होंने इस आज़ादी को कायम रखा आज तक...... .
यहाँ पढने के बाद उसे देखें.... और नमन करें उनको जिन्होंने इस आज़ादी को कायम रखा आज तक...... .
15 अगस्त १९४७ के दिन आज़ादी का कोई अमर-पट्टा नहीं लिख गए अँगरेज
हमारे नाम हर घड़ी अपने लहू से सींचकर आज़ादी को ज़िंदा रखने वालों को मेरा सलाम दोस्तों छन्दहीन कविता लिखने वालों से सावधान ,असल कविता ऐसी होती है ---
""देखो वीर जवानों अपने ;खून पे ये इलज़ाम न आये
माँ न कहे के मेरे बेटे ;वक़्त पड़ा तो काम नाआये
देखो वीर जवानोंअपने; खून पे ये इलज़ाम न आए""
माँ न कहे के मेरे बेटे ;वक़्त पड़ा तो काम नाआये
देखो वीर जवानोंअपने; खून पे ये इलज़ाम न आए""
हम पहले भारत वासी ,फ़िर हिंदू,मुस्लिम सिख इसाई
नाम जुदा हैं तो क्या ,भारत माँ के सब बच्चे हैं भाई
अब्दुल उसके बच्चों को पाले जो घर वापस राम न आए
देखो वीर जवानों अपने खून पे ये इल्ज़ाम न आए
नाम जुदा हैं तो क्या ,भारत माँ के सब बच्चे हैं भाई
अब्दुल उसके बच्चों को पाले जो घर वापस राम न आए
देखो वीर जवानों अपने खून पे ये इल्ज़ाम न आए
अंधा बेटा युद्ध पे चला तो न जा न जा उसकी माँ बोली
वो बोला कम कर सकता हूँमैं भी दुश्मन की एक गोली
ज़िक्र शहीदों का हो फ़िर क्यूं उनमें मेरा नाम न आए
देखो वीर जवानों अपने खून पे ये इल्ज़ाम न आए
वो बोला कम कर सकता हूँमैं भी दुश्मन की एक गोली
ज़िक्र शहीदों का हो फ़िर क्यूं उनमें मेरा नाम न आए
देखो वीर जवानों अपने खून पे ये इल्ज़ाम न आए
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