वो यादें - वो गालियाँ - RJSURABHISAXENA

वो यादें - वो गालियाँ


अब भी बचपन की, वो यादें याद आती हैं 

गावँ की धूल, वो किताबें याद आती है 

अब भी महकती है यादों में, वो मेहँदी 

वो ख़ुश्बू वो गालियाँ, वो पातें याद आती हैं !!!!

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