चंचल तमन्ना है, इसे आज़ाद रहने दो - RJSURABHISAXENA

चंचल तमन्ना है, इसे आज़ाद रहने दो

ना चाहत बादलों की, न है ख्वाहिश चाँद तारों की 

चंचल तमन्ना है, इसे आज़ाद रहने दो !!!


हाँ शमा की तरह जब मैं पिघलती है, तू परवाने सा जलता हूँ 

तुझको पाने के लिए, न जाने कौन से रास्तों पे चलती हूँ 

चंचल तमन्ना है, इसे आज़ाद रहने दो !!!


रूह बनकर, जब तू सांसों में मचलता है, मैं दीवानी सी चलती हूँ 

तेरी यादों के साये में, हसींन ख्वाब मैं बुनती हूँ

चंचल तमन्ना है, इसे आज़ाद रहने दो !!!



सर्दो शाम में, जब तू महकता है, हाँ मैं फूलो सी खिलती हूँ 

चांदनी साथ में लेकर, मैं रात की रानी से मिलती हूँ 

चंचल तमन्ना है, इसे आज़ाद रहने !!!



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