दूज का चाँद - RJSURABHISAXENA

दूज का चाँद

जीने के लिये खुला आसमान चाहिए
साँसों को हवा का उचित प्रवाह चाहिए

मेरी साँसों पे जहाँ न हो कोई उलझन
एक ऐसा घर, एक शहर प्रतिमान चाहिए


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