इशारा है वही .... - RJSURABHISAXENA

इशारा है वही ....


मेरे हाथों की लकीरों का, इशारा है वही
सियाह रातों का उजला, सितारा है वही ... 

वो साहिल की तरह मुझसे मिला है ऐसे
जैसे की मेरे जीवन का, किनारा है वही ...

मैं भीग के रोई बरसात के, झोकों की तरह
वो छम से बिखरा जैसे कि, शरारा है वही ... 

शिद्दत है कहीं अब भी हवाओं में तेरी मेरी
दिल की गहराई में उतरा वो शिकारा है वही ... 

‪#‎सुरभि‬



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