''मुझको अपने गले लगा लो, मैं मुहब्बत हूँ !! - RJSURABHISAXENA

''मुझको अपने गले लगा लो, मैं मुहब्बत हूँ !!


''मुझको अपने गले लगा लो, मैं मुहब्बत हूँ !!


पेड़, चिड़िया, कोयल, रंग, बादल और तुम :- अपनी तरफ़ खींचते हैं

लफ्ज़ सिमट कर मन तक आते हैं, पानी अपनी तरफ़ बुलाता है 


आसमान जैसे दीवानेपन की प्रेरणा बन जाता है, 


पर जीवन में अकेलेपन से मैं बहुत डर लगता है 

ठहराव चाहती हूँ ... 

मोहब्बत चाहती हूँ 

पर स्वच्छ उन्मुक्तता के साथ..... सुकून के साथ !!!!


‪#‎सुरभि‬

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