नारी तू है शक्ति शारदा

एक नारी के मन में बसती है जो मूरत ..
वो टूट अगर जाये तो
छूट अगर जाये तो ..?
जीने का हक़ छीन लिया क्यों जाता है ?
ये कैसी, रस्में,
ये कैसा नाता है ?
क्यों जीना,
उसके भाग्य नही ?
क्यों, क्या उसके मन में ज़ज़बात नही ?
क्यों सपनों वाली रात नही ?
क्यों अपना कोई साथ नहीं ?
क्यों सपनों में ही रहते हैं शहजादे ... ?
क्यों सच की कोई बात नही ...
लगता है अब तो ऐसा
एक घरोंदा देने की
आदम की औकात नही ?
नारी तू है शक्ति शारदा है
जीने का अधिकार तुझे भी जी ले तू भी,
अब तेरे हिस्से बस आँसू कि बरसात नही !
#Surabhi
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