चंदा की चिट्टी आई है - RJSURABHISAXENA

चंदा की चिट्टी आई है

चंदा की चिट्टी आई है 

चंदा की चिट्टी आई है

मनवा को भायी है

जाने आँख काहे भर आई है

हाँ चंदा की चिट्टी आई है...


वो लिखता है ..

मैं अकेला हूँ

सारी दुनिया से अलबेला हूँ

तेरी याद में आंसू झरते हैं

बंजारों से हम फिरते हैं...


बस लगन तेरी मन लायी है

काहे आँख तुझसे उलझायी है

हाँ चंदा की चिट्टी आई है,

मेरे मनवा को भायी है ....

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