#RangRasiya Team with Mahindru Foundation @ Leela Gurgaon - pledge eyes for donation
गुड़गांव के लीला होटल में केतन मेहता की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'रंगरसिया' का प्रमोशन हुआ, महेंद्रू फाउंडेशन द्वारा - ये एक नोबल कॉज के लिए किया गया
गणेश स्तुति के साथ समारोह का आयोजन किया गया, ऐसा माना जाता है की गणेश जी हर विघ्न को हारते हैं और दुःख के निवारक है, अँधेरे से उजाले की ओर ले जाते हैं गणपति जी महाराज
अंधेपन के उन्मूलन के लिए समर्पित रहा जहाँ प्रेस कॉन्फ्रेंस, फ़िल्म रंग रसिया का प्रीमियर और एक संगीत कॉन्सर्ट का भी आयोजन किया गया था जिसमें भाग लिया सुनिधि चौहान, कैलाश खेर, राजस्थान के अनवर खान और ग्रुप ने
शत्रुघ्न सिन्हा साहब और उनकी धर्मपत्नी पूना सिन्हा ने इस भव्य समारोह में शिरकत की और बताया की उन्होंने और उनके परिवार ने नेत्र दान की शपथ ली हुई है और बॉलीवुड का ये पहला परिवार है जो इस महान और नोबल कॉज में पूरी तरह से समर्पित है..
रणदीप हुड्डा और नंदना सेन के साथ "रंग रसिया" के सभी कलाकारों व सदस्यों ने Mahindru फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नेत्रदान के लिए जागरूकता और धन जुटाने के लिए लोगो में उत्साह जगाने वाली बातें भी कहीं
रणदीप हुड्डा और नंदना सेन के साथ "रंग रसिया" के सभी कलाकारों व सदस्यों ने Mahindru फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नेत्रदान के लिए जागरूकता और धन जुटाने के लिए लोगो में उत्साह जगाने वाली बातें भी कहीं
"Mahindru फाउंडेशन पूरे भारत में 100 नेत्र बैंकों को खोलने की योजना के बारे में वचनबद्ध है, फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी अशोक महिंद्रू के अनुसार बे भारत को अंधमुक्त बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं
नेत्रों की अहमियत को जाने समझने और समझाने के लिए रंग रसिया के सभी कलाकारों ने आँखों पर पट्टी बांध कर अंधेपन के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूकता दी
जहाँ आप देख सकते हैं की रणदीप हूडा ने नंदना सेन ने अपनी आँखों पर एक काली पट्टी बंधी है ..
जिसे बाद में उन्होंने से खोला और कुछ पलों के लिए हुए अँधेरे के बारे में अपने अनुभव से यही कहा की अगर हम कभी किसी के अँधेरे जीवन को रंगो से भरना चाहते हैं तो साथ दे कर ही नही बल्कि बाद में अपनी आँखें दान करके भी रंग और उजाला दे सकते हैं
इस मौके पर रणदीप ने कहा – “ आँखें सिर्फ़ दुनिया को देखने के लिए ज़रूरी नहीं है बल्कि अपनी आत्मा और दूसरों के अच्छे-बुरे व्यवहार, स्पर्श, प्रकृति को देखने के लिए भी ज़रूरी हैं, आँखें जीवन के सारे रंगों का आभास कराती हैं, तो अपनी आत्मा को सुकून देने के लिए सामने आएं और मदद करें और इस बात की शपथ लें की अपनी आँखें मरणोपरांत दान करेंगे ...
नेत्रों की अहमियत को जाने समझने और समझाने के लिए रंग रसिया के सभी कलाकारों ने आँखों पर पट्टी बांध कर अंधेपन के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूकता दी
जहाँ आप देख सकते हैं की रणदीप हूडा ने नंदना सेन ने अपनी आँखों पर एक काली पट्टी बंधी है ..
जिसे बाद में उन्होंने से खोला और कुछ पलों के लिए हुए अँधेरे के बारे में अपने अनुभव से यही कहा की अगर हम कभी किसी के अँधेरे जीवन को रंगो से भरना चाहते हैं तो साथ दे कर ही नही बल्कि बाद में अपनी आँखें दान करके भी रंग और उजाला दे सकते हैं
इस मौके पर रणदीप ने कहा – “ आँखें सिर्फ़ दुनिया को देखने के लिए ज़रूरी नहीं है बल्कि अपनी आत्मा और दूसरों के अच्छे-बुरे व्यवहार, स्पर्श, प्रकृति को देखने के लिए भी ज़रूरी हैं, आँखें जीवन के सारे रंगों का आभास कराती हैं, तो अपनी आत्मा को सुकून देने के लिए सामने आएं और मदद करें और इस बात की शपथ लें की अपनी आँखें मरणोपरांत दान करेंगे ...
उनके सह-कलाकार नंदना ने कहा, "हम नेत्र दान के लिए किये गए इस समारोह पर उन्हें गर्व है
नंदना ने कहा :- फिल्म 'रंगरसिया' एक चित्रकार (राजा रवि वर्मा) के जीवन पर आधारित है जहाँ जीवन के सारे रंग है, और हम सब को कोशिश करनी चाहिए की हम किसी एक के जीवन में रंग भरें और उस अनुभव को जियें
इस फिल्म की स्क्रीनिंग के द्वारा नेत्र दान के लिए जागरूकता व दान देने की भी गुज़ारिश की गयी, गुड़गांव पुलिस के सहयोग से सुनिधि चौहान और कैलाश खेर द्वारा संगीत कॉन्सर्ट किया गया था
अशोक महिंद्रू, ट्रस्टी प्रबंध, महिंद्रू फाउंडेशन ने कहा - एक दिन के लिए या एक पल के लिए कल्पना करके देखो की क्या आँखों के बिना रह पाना आसान है अगर नहीं तो चलो मदद करो उनकी जो नेत्रहीन है जो ग़रीबी के कारण अँधेरे में हैं और जीवन के सुख से वंचित हैं
अशोक महिंद्रू, ट्रस्टी प्रबंध, महिंद्रू फाउंडेशन ने कहा - एक दिन के लिए या एक पल के लिए कल्पना करके देखो की क्या आँखों के बिना रह पाना आसान है अगर नहीं तो चलो मदद करो उनकी जो नेत्रहीन है जो ग़रीबी के कारण अँधेरे में हैं और जीवन के सुख से वंचित हैं
महेंद्रू फाउंडेशन का उद्देश्य है भारत को अंध मुक्त बनाकर रौशनी में लाना और इसी के लिए फॉउन्डेशन कार्यरत है, रणदीप हुड्डा और नंदना सेन के साथ "रंगरसिया" के सभी कलाकारों व सदस्यों ने Mahindru फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नेत्रदान के लिए जागरूकता और धन जुटाने के लिए लोगो में उत्साह जगाने वाली बातें भी कहीं ...."Mahindru फाउंडेशन पूरे भारत में 100 नेत्र बैंकों को खोलने की योजना के बारे में वचनबद्ध है, फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी अशोक महिंद्रू के अनुसार बे भारत को अंधमुक्त बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं...
नेत्रों की अहमियत को जाने समझने और समझाने के लिए रंग रसिया के सभी कलाकारों ने आँखों पर पट्टी बांध कर अंधेपन के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूकता दी ..
जहाँ आप देख सकते हैं की रणदीप हूडा ने नंदना सेन ने अपनी आँखों पर एक काली पट्टी बंधी है .. जिसे बाद में उन्होंने से खोला और कुछ पलों के लिए हुए अँधेरे के बारे में अपने अनुभव से यही कहा की अगर हम कभी किसी के अँधेरे जीवन को रंगो से भरना चाहते हैं तो साथ दे कर ही नही बल्कि बाद में अपनी आँखें दान करके भी रंग और उजाला दे सकते हैं
इस मौके पर रणदीप ने कहा – “ आँखें सिर्फ़ दुनिया को देखने के लिए ज़रूरी नहीं है बल्कि अपनी आत्मा और दूसरों के अच्छे-बुरे व्यवहार, स्पर्श, प्रकृति को देखने के लिए भी ज़रूरी हैं, आँखें जीवन के सारे रंगों का आभास कराती हैं, तो अपनी आत्मा को सुकून देने के लिए सामने आएं और मदद करें और इस बात की शपथ लें की अपनी आँखें मरणोपरांत दान करेंगे ...उनके सह-कलाकार नंदना ने कहा, "हम नेत्र दान के लिए किये गए इस समारोह पर उन्हें गर्व है फिल्म 'रंग रसिया' एक चित्रकार (राजा रवि वर्मा) के जीवन पर आधारित है जहाँ जीवन के सारे रंग है, और हम सब को कोशिश करनी चाहिए की हम किसी एक के जीवन में रंग भरें और उस अनुभव को जियें, इस फिल्म की स्क्रीनिंग के द्वारा नेत्र दान के लिए जागरूकता व दान देने की भी गुज़ारिश की गयी,
अशोक महिंद्रू, ट्रस्टी प्रबंध, महिंद्रू फाउंडेशन ने कहा - एक दिन के लिए या एक पल के लिए कल्पना करके देखो की क्या आँखों के बिना रह पाना आसान है
अगर नहीं तो चलो मदद करो उनकी जो नेत्रहीन है जो ग़रीबी के कारण अँधेरे में हैं और जीवन के सुख से वंचित हैं
नेत्रों की अहमियत को जाने समझने और समझाने के लिए रंग रसिया के सभी कलाकारों ने आँखों पर पट्टी बांध कर अंधेपन के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूकता दी ..
जहाँ आप देख सकते हैं की रणदीप हूडा ने नंदना सेन ने अपनी आँखों पर एक काली पट्टी बंधी है .. जिसे बाद में उन्होंने से खोला और कुछ पलों के लिए हुए अँधेरे के बारे में अपने अनुभव से यही कहा की अगर हम कभी किसी के अँधेरे जीवन को रंगो से भरना चाहते हैं तो साथ दे कर ही नही बल्कि बाद में अपनी आँखें दान करके भी रंग और उजाला दे सकते हैं
इस मौके पर रणदीप ने कहा – “ आँखें सिर्फ़ दुनिया को देखने के लिए ज़रूरी नहीं है बल्कि अपनी आत्मा और दूसरों के अच्छे-बुरे व्यवहार, स्पर्श, प्रकृति को देखने के लिए भी ज़रूरी हैं, आँखें जीवन के सारे रंगों का आभास कराती हैं, तो अपनी आत्मा को सुकून देने के लिए सामने आएं और मदद करें और इस बात की शपथ लें की अपनी आँखें मरणोपरांत दान करेंगे ...उनके सह-कलाकार नंदना ने कहा, "हम नेत्र दान के लिए किये गए इस समारोह पर उन्हें गर्व है फिल्म 'रंग रसिया' एक चित्रकार (राजा रवि वर्मा) के जीवन पर आधारित है जहाँ जीवन के सारे रंग है, और हम सब को कोशिश करनी चाहिए की हम किसी एक के जीवन में रंग भरें और उस अनुभव को जियें, इस फिल्म की स्क्रीनिंग के द्वारा नेत्र दान के लिए जागरूकता व दान देने की भी गुज़ारिश की गयी,
अशोक महिंद्रू, ट्रस्टी प्रबंध, महिंद्रू फाउंडेशन ने कहा - एक दिन के लिए या एक पल के लिए कल्पना करके देखो की क्या आँखों के बिना रह पाना आसान है
अगर नहीं तो चलो मदद करो उनकी जो नेत्रहीन है जो ग़रीबी के कारण अँधेरे में हैं और जीवन के सुख से वंचित हैं
महेंद्रू फाउंडेशन का उद्देश्य है भारत को अंध मुक्त बनाकर रौशनी में लाना और इसी के लिए फॉउन्डेशन कार्यरत है
कवरेज - सुरभि सक्सेना
फोटोज - राकेश शर्मा
फोटोज - राकेश शर्मा
लीला गुडगाँव
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