एहसास - RJSURABHISAXENA

एहसास


उड़ते उड़ते हम कहाँ से कहाँ तक जा पहुंचे 
दुनिया की तंग गलियों से निकले तेरी बाँहों में आ पहुंचे
कभी हमारे एहसास तुम तक पहुंचे न पहुंचे 
हमारे आंसू है जो नमी बन तेरी पलकों में जा पहुंचे 

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