चंद आँसू - RJSURABHISAXENA

चंद आँसू

जब भी किसी निग़ाह में ढूंढा किये हम कुछ
हर अक्स में तुम ही नज़र आये,
आज मेरी आँखों से एक बार फिर चंद आँसू
पलकों को छोड़ रुखसारों पे ढलक आये

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