मेरी आरज़ू - RJSURABHISAXENA

मेरी आरज़ू

कोई हमको देखे, कोई हमको चाहे, कोई हमको छू के संदल बना ले
इस मेरी आरज़ू को कोई गले से लगा ले ,
सितम तो ज़माने का हमें भी देखा, एक तुम्हीं तो नहीं हो घायल जहाँ के
दो बोल मीठे कोई हमसे बोले, कोई हमको शीतल सा मलहम लगा दे

1 comment:

  1. bahut sundar rachna hai. meri shubhkamnayen. khub likhiye bahut achha likhti rahiye
    bhupal sood

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