मेरे सनम
मेरे लिए :
From : my Friend
भीगी चांदनी छाई बेखुदी ,
आजा डाल दे बाँहों में अपनी बाहें
मुखड़े का ये सवेरा
जुल्फों का यह अँधेरा ,
तेरे ही वास्ते है बाहों का नैन फेरा
मेरा अरमान तू है
दिल का तूफान तू है
मेरे सनम ..........
आजा डाल दे बाँहों में अपनी बाहें
मुखड़े का ये सवेरा
जुल्फों का यह अँधेरा ,
तेरे ही वास्ते है बाहों का नैन फेरा
मेरा अरमान तू है
दिल का तूफान तू है
मेरे सनम ..........
From : my Friend
सुरभि जी, आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ. आप अच्छी कवितायेँ लिखतीं है. भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति है. थोड़े शब्दों में ही बहुत कुछ कह गई हैं. बस, लिखती रहिये.
ReplyDeleteमहावीर शर्मा
thanks ji jo aapne ise pasand kiya
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