मैं उम्र भर के शूल ले आया हूँ .....
मैं मोहब्बत में, तेरी सब भूल आया हूँ...
तमन्ना फूलों की थी, मैं उम्र भर के शूल लाया हूँ
सहेजा हरेक चीज़ को बड़ी खूब-बहुत बेहतर,
क्या कहू, मैं अपना दिल ही कहीं पे भूल आया हूँ
दिल के बदले जान मांगी, वो भी बड़ी हिम्मत,
अपना दिल, मैं उस ज़ालिम के हाथों तौल आया हूँ
एक मोहब्बत ही नहीं, आरजू अपनी रही बस
और भी कुछ कारनामे, अपने पीछे रोल आया हूँ
muhhobat wo cheech hai jisme haarne ka bhi alag maja hai
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