नया आकाश - RJSURABHISAXENA

नया आकाश

जब भी हमने अपनों का हाथ है थामा
एक नया आकाश मिला
विशाल गगन में परवाज़ बनो तुम
एक नया विस्तार मिला

No comments

RJ Surabhii Saxena. Powered by Blogger.