थोडा सा पानी
किसी ने कहा समंदर है तू
मैं गिलास में भरा हुआ थोडा सा पानी
तेरे आगे क्या बिसात है मेरी,
पर समन्दर का दुःख तू क्या जाने ,जिसमे जाने कितना दर्द समाया
प्यास बुझाने के खातिर वो थोडा सा पानी ही काम आया ..
मैं गिलास में भरा हुआ थोडा सा पानी
तेरे आगे क्या बिसात है मेरी,
पर समन्दर का दुःख तू क्या जाने ,जिसमे जाने कितना दर्द समाया
प्यास बुझाने के खातिर वो थोडा सा पानी ही काम आया ..
तुमसे दो बातें करने को मेरा दिल हरदम प्यासा है
ReplyDeleteहम आज मिले या कल मिले पल पल मिलना प्रत्याशा है
तुमसे सुन्दर तुमसे प्यारा विधि ने तो कोई रचा नहीं
गर हो इस ज़मीं पर तो मेरी आँखों को जांचा नहीं
वो ज्योत जलाये रखना तुम वो प्रेम निहित परिभाषा है
की तुमसे दो बाटें करने को मेरा दिल हरदम प्यासा है