तेरे गम में ख़ुद को सुगम है बना लिया
ज़िन्दगी ने इतना गम दिया कि ,हमने ख़ुद को गम में मिला लिया ...
अब तो आँसू भी नहीं आते, वो सूख कर मोती भी बन चुके ,
अब तो हँसते हैं हम हर पल , हमने ख़ुद को अब तो सुगम है बना लिया ॥
तेरी ख़ुशी में ख़ुश थे ,तेरे दर्द से हम होते थे जब दुखी ॥
अब अपने ही गम कि खबर कहाँ है दोस्त ,जब हमने ख़ुद को ही ख़ाक में मिला लिया
फूलों से दोस्ती कर मत हो दुखी तू ये मन .........
भंवरा मगन है अपनी ही चाल में ,हमने तो ख़ुद को फूल की सुरभि बना लिया .....
अब तो आँसू भी नहीं आते, वो सूख कर मोती भी बन चुके ,
अब तो हँसते हैं हम हर पल , हमने ख़ुद को अब तो सुगम है बना लिया ॥
तेरी ख़ुशी में ख़ुश थे ,तेरे दर्द से हम होते थे जब दुखी ॥
अब अपने ही गम कि खबर कहाँ है दोस्त ,जब हमने ख़ुद को ही ख़ाक में मिला लिया
फूलों से दोस्ती कर मत हो दुखी तू ये मन .........
भंवरा मगन है अपनी ही चाल में ,हमने तो ख़ुद को फूल की सुरभि बना लिया .....
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