स्वामी विवेकानंद - RJSURABHISAXENA

स्वामी विवेकानंद


ज्ञान था ,वैराग्य था ,असीम सत्य भास था
त्याग कर जो चल पड़ा ,
माया मोह लास्य को ,
संग में ज्ञान था,
विवेक बुद्धि और ज्ञान एकाकार हो गये ....
दिव्य-चक्षु यूँ खुले ...
कि नरेन्द्र विवेक नन्द हो गये ...

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