आशा से आसमान है - RJSURABHISAXENA

आशा से आसमान है

जब जहाँ ज़िन्दगी हार जाती हैं वहां पर एक आशा की छोटी सी किरण मौत से भी जीत जाती है, हार और जीत, सुख और दुःख जीवन के दो पहलु हैं, इन पहलुओं के हिसाब से ही तो ज़िन्दगी आगे बढ़ती है,

कई बार हम रास्ते खुद चुनते हैं और कई बार हमें तक़दीर खुद चुनती है, चुने गए रास्तों पर जब तकलीफ आती है तो हम इसे अपने कर्म समझ कर झेलते है




पर जब रास्ते या तक़दीर हमें चुनती है तब हम घबराने लगते हैं और किस्मत को कोसते है पर जिसने इन संघर्षो का सामना कर लिया उसने जग जीत लिया, इन संघर्ष भरे रास्तों पर हमें कई दफ़ा बहुत कुछ त्यागना पड़ता है, जो सोचते हैं वो मिलता नहीं, जो मिलता है उसकी उम्मीद हम करते नहीं और ऐसे में जीना बहुत मुश्किल लगने लगता है।

ऐसे में कैसे जीया जाएँ .. कुछ बातें जो कहने में आसान लगती है उनको सहन करना भी मुश्किल होता है तब क्या किया जाएँ

ऐसे में अपने अन्दर के विश्वास को संभालकर रखा जाएँ जो की हमारे अंदर प्रचुर मात्रा में होता है, फिर भी हमें आशा को आधार बना कर जीना ज़रूरी है, आशा वादी होना यानि की सीधे सीधे ईश्वर से जुड़े रहना.. जो ईश्वर से जुड़ा है वो इंसान ख़ुद को कभी निराशा के समीप जाने नहीं देगा, कुछ नहीं होने पर कुछ होने की आशा और एक लक्ष्य व एक विश्वास का भी होना इंसान के भरोसे को मज़बूत करता है


विश्वास वैसे तो आशा से पूरी तरह अलग है, आशा केवल एक उम्मीद है, जबकि विश्वास इस बात का भरोसा की बात में दम है, पर जहाँ विश्वास डगमग करने लगता है वह पर आशा ही इंसान को.... जी हाँ एक टूटे हुए इंसान को सहारा देता है की नहीं कभी तो अच्छा होगा.. मुझे ऐसा करना होगा और मैं जीत जाऊंगा .. इसी लिए किसी ने बिलकुल ठीक कहा है की आशा से आसमान है

# सुरभि




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