खानपान का समय
*आचार्य वाग्भट्ट के सूत्र*
*हमारे खान पान का समय*
बंदर कभी बीमार नहीं होता
किसी भी चिडिया को डायबिटीस नही होता है ।
किसी भी बंदर को हार्ट अटैक नहीं आता ।
कोई भी जानवर ना तो आयोडीन नमक खाता है और ना ब्रश करता है फिर भी किसी को थायराइड नहीं होता और ना दांत खराब नहीं होता है ।
बंदर मनुष्य के सबसे नजदीक है, शरीर संरचना में बस बंदर और आप में यही फर्क है की बंदर के पूँछ है आपके नहीं है बाकी अब कुछ समान है ।
तो फिर बंदर को कभी भी हार्ट अटैक, डायबिटीस , high BP , क्यों नहीं होता है ?
एक पुरानी कहावत है बंदर कभी बीमार नहीं होता और यदि बीमार होगा तो जिंदा नहीं बचेगा मर जाएगा ? क्यों बंदर बीमार नहीं होता?
राजीव भाई बताते हैं कि एक बहुत बडे , प्रोफेसर है, मेडिकल कॉलेज में काम करते है । उन्होंने एक बडा गहरा रिसर्च किया ।की बंदर को बीमार बनाओ !
तो उन्होने तरह - तरह के virus और वैक्टीरिया बंदर के शरीर मे डालना शुरू किया, कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी और माध्यम से । वो कहते है, मैं 15 साल असफल रहा , लेकिन बंदर को कुछ नहीं हुआ ।
राजीव भाई ने प्रोफेसर से कहा की आप यह कैसे कह सकते है की बंदर को कुछ नहीं हो सकता ? तब उन्हांने एक दिन यह रहस्य की बात बताई वो आपको भी बता देता हूँ कि बंदर का जो RH factor दुनिया है वह दुनियाँ में सबसे आदर्श है ।
कोई डॉक्टर जब आपका RH factor नापता है ना ! तो वो बंदर के ही RH Factor से तुलना करता है , वह डॉक्टर आपको बताता नहीं यह अलग बात है ।
उसका कारण यह है कि, उसे कोई बीमारी आ ही नहीं सकती । उसके ब्लड में कभी कॉलेस्टेरॉल नहीं बढता , कभी ट्रायग्लेसाईड नहीं बढती , ना ही उसे कभी डासबिटीस होती है ।
शुगर को कितनी भी बाहर से उसके शरीर में इंट्रोडयूस करो, वो टिकती नहीं । तो वह *प्रोफेसर साहब* कहते है कि, यार यह यही चक्कर है , की बंदर सवेरे सवेरे ही भरपेट खाता है । जो आदमी नहीं खा पाता है , इसीलिए उसको सारी विमारियां होती है ।
सूर्य निकलते ही सारी चिड़िया , सारे जानवर खाना खाते हैं । *जबसे मनुष्य इस ब्रेकफास्ट , लंच , डिनर के चक्कर में फंसा तबसे मनुष्य ज्यादा बीमार रहने लगा है ।*
तो वह *प्रोफेसर रवींद्रनाथ शानवाग* ने अपने कुछ मरींजों से कहा की देखो भैया , सुबह सुबह भरपेट खाओ । उनके कई मरीज है तो उन्होंने सबको बताया कि सुबह - सुबह भरपेट भोजन करो ।
उनके मरीज बताते है की, जबसे उन्हांने सुबह भरपेट खाना शुरू किया तबसे उन्हें डासबिटीस यानि शुगर कम हो गयी, किसी का कॉलेस्टेरॉल कम हो गया, किसी के घटनों का दर्द कम हो गया , किसी का कमर का दर्द कम हो गया गैस बनाना बंद हो गई, पेट मे जलन होना, बंद हो गयी नींद अच्छी आने लगी ….. वगैरह ..वगैरह ।
और यह बात बागभट्ट जी 3500 साल पहले कहते हैं कि सुबह का किया हुआ भोजन सबसे अच्छा है । माने जो भी स्वाद आपको पसंद लगता है वो सुबह ही खाईए ।
तो सुबह के खाने का समय तय करिये । तो समय मैने आपका बता दिया कि सूरज निकलने से ढाई घंटे तक यानि 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपका भरपेट भोजन हो जाना चाहिए ।
और ये भोजन तभी होगा जब आप नाश्ता बंद करेंगे । यह नास्ता का प्रचलन हिंदुस्थानी नहीं है , ये अंग्रेजो की देन है , और रात्रि का भोजन सूर्य अस्त होने से पहले आधा पेट कर लें । तभी बीमारियों से बचोगे ।
सुबह सूर्य निकलने से ढाई घंटे तक हमारी जठराग्नि बहुत तीव्र होती है । हमारी जठराग्नि का संबंध सूर्य से है , हमारी जठराग्नि सबसे अधिक तीव्र स्नान के बाद होता है । स्नान के बाद पित्त बढ़ता है इसलिए सुबह स्नान करके भोजन कर लें ।
तथा एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच ४ से ८ घंटे का अंतराल रखें बीच में कुछ ना खाएं । और दिन डूबने के बाद बिल्कुल ना खायें ।
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