अंजीर के चमत्कारिक गुण तथा प्रयोग* - RJSURABHISAXENA

अंजीर के चमत्कारिक गुण तथा प्रयोग*

अंजीर के बारे में आज हम जानेंगे। अंजीर हमें क्यों खानी चाहिए , इसके  क्या लाभ हैं। यूनानी पध्दति में अंजीर को गर्म फल मानते हैं,लेकिन आयुर्वेद में अंजीर को ठंडा औषधिय फल माना गया है। अंजीर में बहुत सारे औषधिय गुण पाए जाते हैं।

अंजीर को हम दो प्रकार से खा सकते हैं। अगर हमें ये ताज़ा पका हुआ फल बाज़ार में मिल जाये तो उसे ऐसे ही खा सकते हैं। उसको दूध में मिलाकर या ऐसे शेक बना कर पी सकते हैं। अगर ये ताज़ा न मिले तो इसका सुखाया हुआ फल बाज़ार में मिल जाता है। अंजीर को लोग मेवे के रूप में भी प्रयोग करते हैं। सूखे अंजीर को अगर 2-3 घंटे पानी में भिगो के फिर इसका उपयोग करेंगे तो ये शीतल फल की तरह काम करता है।अंजीर में बहुत सारे चमत्कारी तत्व पाए जाते हैं।

*अंजीर में क्या पाया जाता है*

अंजीर में वसा नहीं होती है।अंजीर में कार्बोहायड्रेट ,प्रोटीन ,कैल्शियम,विटामिन 'सी', आयरन, मैग्नीशियम, फाइबर, विटामिन बी ६ , कॉपर, मैंगनीज तथा पेंटेनोईक  एसिड पाया जाता हैं जो कई बीमारियों के इलाज  उपयोग किया जाता है। अंजीर को ताकत के फल के रूप में जानते हैं। हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की दुर्बलता हो ,किसी भी प्रकार की स्नायु से संबंधित परेशानी हो सब में इसका उपयोग कर सकते हैं। अंजीर को अगर अंकुरित अन्न के साथ खाया जाये तो ये सोने पे सुहागा हो जायेगा। यदि हो सके तो अंकुरित अन्न के साथ अंजीर का सेवन अवश्य करें।

*अंजीर खाने के लाभ*

*शारीरिक दुर्बलता के लिए ;*

अंजीर को हम ताज़ा भी मिल जाये तो सेवन कर सकते हैं या सूखे हुये अंजीर को दूध  में अच्छे से पका कर ले सकते हैं। अंजीर हमारे शरीर की दुर्बलता को खत्म करता है और शरीर को बलशाली बनाता है।

*स्नायु दुर्बलता को कम करता है ;*

अंजीर को दूध  में पका कर सेवन करने से किसी भी प्रकार की स्नायु दुर्बलता हो उसको कम करता है और स्नायु तंत्रिका को पुष्ट करता है।

*यौन दुर्बलता  ;*

 अंजीर को शक्तिशाली फल के रूप में जानते हैं। शरीर की यौन शक्ति को बढाने के लिए अंजीर को दूध के साथ लेने से अधिक लाभ होता है। शरीर पुष्ट होगा और यौन शक्ति बढ़ेगी।

*निम्न रक्तचाप को नियंत्रित करता हैं ;*

यदि किसी को निम्न रक्त चाप की शिकायत हो तो उसे अंजीर का सेवन अवश्य करना चाहिए। अंजीर में ऐसे तत्व होते हैं तो  निम्न रक्त चाप को नियंत्रित कर ह्रदय को सुसंगठित करते हैं।

*घबराहट की स्थिती को नियंत्रित करता है ;*

कभी कभी हमें अचानक से घबराहट होने लगती है। ऐसी स्थिति में अंजीर का सेवन दूध के साथ करने से आराम या बहुत लाभ मिलता है।

*शिथिलता को कम करता है :*

शरीर अगर शिथिल पड़ जाये तो अंजीर का सेवन लाभदायक होता है। इससे शरीर को ताकत मिलती है और शरीर स्फूर्ति महसूस करता है।

*थकान को कम करता है ;*

यदि किसी को हमेशा थकान महसूस होती रहती हो तो उन्हें भी अंजीर का सेवन जरुर करना चाहिए।

*पेट के लिए भी अच्छा हैं ;*

यदि पेट की कोई भी बिमारी हो तो अंजीर का सेवन लाभप्रद होता है।

*वजन कम करने में सहायक*

अंजीर में वसा नहीं होती है। इसलिए इसके सेवन करने से वजन कम करने में बहुत सहायता मिलती है।

*स्तन कैंसर से भी बचाता है ;*

प्रायः महिलाओं में स्तन कैंसर का ख़तरा बना रहता है। अगर इससे बचाव चाहिए तो अंजीर का सेवन लाभप्रद है।

*मधुमेह वालों के लिए भी अंजीर अच्छा हैं ;*

अंजीर के पत्तों को अगर चबा के खाया जाये तो हमारे शरीर में बनने वाले इन्सुलिन को बनाकर मधुमेह की रोकथाम में मदद करते हैं। अंजीर में एंटी. डायबिटिक तत्व पाए जाते हैं।

*मांशपेशियों में होने वाले खिचाव को भी कम करता हैं ;* 

अगर मांशपेशियों में खिचाव होता हो तो अंजीर का सेवन बहुत लाभप्रद होता हैं। इसका सेवन अवश्य करना चाहिए।

एक छोटा सी अंजीर के कितने लाभ हैं। अंजीर औषधिय गुणों से भरपूर है। जैसे चाहें इसे खाएं और इसका भरपूर लाभ उठायें । अगर हम किसी भी खाद्य प्रदार्थ के बारे में अच्छी तरह से जान लेते हैं तो उसका सही तरीके के उपयोग कर सकते हैं। प्रायः हमें पता ही नहीं होता कि किस्मे क्या औषधिय गुण हैं। धीरे धीरे जानिये और उसका उपयोग अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने में कीजिये।स्वस्थ भारत का निर्माण करने में अपना योगदान दें।

स्वस्थ रहिये, मस्त रहिये।

विशेष,

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