बच्चों की सही देखभाल
👫क्या आप बच्चों की सही देखभाल कर रहे हैं
अक्सर देखा गया है कि हम बच्चों की सुरक्षा के चक्कर मे उसे कमजोर बना देते हैं, जैसे उसे तैरना सिखाना चाहते हैं, पर मम्मी पहले ही कहेगी कि बेटा पानी मे मत जाना, जब वो पानी मे जायेगा ही नही तो तैरना कैसे सीखेगा !
यदि वाहन चलाना सीखेगा तो पहले ही मना कर देते हैं कि अभी तू बच्चा है, बार बार टोकने से बच्चों का मनोबल गिर जाता है, आप किसी भी नये कार्य को करते समय उसके साथ बैठें और देखते रहें और समय2 पर उसे प्रोत्साहित करें कि बहुत अच्छा कर रहे हो, जल्दी सफलता मिलेगी !
बार बार टोकने की आदत से बच्चों की मानसिक गति रुक जाती है, जैसे बच्चा दीवार पर कुछ चित्र बना रहा हो तो डांटिये मत, उसे एक ड्राइंग शीट लाकर दें और बोलें कि बेटा आप इस पर बनाइये.
यदि आपका बेटा बेटी किसी गाने पर नाच रहा हो तो उसे मारिये मत बल्कि गणेश उत्सव, समाज के कार्यक्रम या किसी बच्चों की पार्टी मे नाचने पर उसका मनोबल बढ़ायें, क्या पता किस पत्थर की किस्मत मे भगवान बनना लिखा है, इसी तरह बच्चा बड़ा होकर किस फील्ड मे जायेगा, हम नही जानते !
एक सफल मां बाप बच्चों को डांटने की बजाय उसे समझाने और उसका मनोबल बढ़ाने पर ज्यादा विश्वास करते हैं, यदि बच्चा पढ़ाई नही कर रहा तो मारने या डांटने से सिर्फ वह पुस्तक खोल कर बैठ जायगा पर मन कहीं और लगा रहेगा !
कभी कभी हम बच्चे की पढ़ाई हेतु अपनी पसन्द का विषय थोंप देते हैं, हमने उसकी रुचि न पूछी न देखी, अब न तो वो अपनी रूचि का विषय पढ़ पायेग और न हमारे दिए विषय का, नतीजा 00 !
बच्चों का मन कोमल हृदय समान होता है, कुछ बच्चे जिद्दी भी होते हैं, लेकिन उसे बिगाड़ने हेतु हम या परिवार ही जिम्मेदार होता है, बच्चों की जिद एक सीमा तक ही पूरी करना उचित होता है.
अपने बच्चे के दिमाग मे हमेशा सकारात्मक सोच का विकास करें, बच्चों का मन बहुत ही मासूम होता है, वे सब चीजों को अच्छा ही मानते हैं, उनसे हमेशा अच्छी, खुशनुमा और सकारात्मक बाते करें, उन्हें बतायें कि उनके गलत बोलने या बर्ताव करने से दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंच सकती है, इसीलिए उन्हें ऎसा नहीं करना चाहिये !
इसका मतलब ये नही कि अब वो खराब लड़का/लड़की बन गये हैं, बल्कि उन्हें बोले कि वो तो दुनिया के सबसे अच्छे, प्यारे और होशियार बच्चे हैं, इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो आपकी उम्मीदों पर हमेशा खरे उतरेंगें, उन्हें सही और गलत का फर्क बताये, बुरी बातों की जगह अच्छी बातों को अहमियत देना सिखायें !
यदि आपको लगे कि आपका बच्चा किसी भी कार्य को करने मे लापरवाही बरतता है तो उसके सामने पति पत्नी इस तरह बात करें कि हमारे बच्चे के बारे मे मोहल्ले मे काफी तारीफ़ हो रही है कि आपका बच्चा हर किसी का कहना मान लेता है और हर कार्य खुश होकर करता है, फिर देखिये कितनी जल्दी परिवर्तन होता है
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