धनतेरस का महत्व 28 अक्टूबर 2016 विशेष
धनतेरस ( 28 अक्तूबर 2016 ) पर विशेष
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दिवाली पांच दिनों का त्योहार है, जिसकी शुरूआत 'धनतेरस' से होती है. इस बार ये त्योहार 28 अक्टूबर को पड़ रहा है। 'धनतेरस' सुख, धन और समृद्धि का त्योहार माना जाता है. इस दिन धनवंतरि जी की पूजा की जाती है. 'धनवंतरि' चिकित्सा के देवता भी हैं इसलिए उनसे अच्छे स्वास्थ्य की भी कामना की जाती है.
धनतेरस - पूजन मुहूर्त
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6:22 P.M. से 8:11 P.M. तक
साथ ही गोधूली बेला भी पूजन के लिए श्रेष्ठ है.
धन तेरस पर पीतल की खरीददारी देती है, 13 गुना फल -
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दीपावली के दो दिन पूर्व धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का पूजन किया जाता है. धन तेरस का दिन भगवान धनवंतरी का जन्मदिवस भी माना जाता है. समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा के पश्चात आने वाली त्रयोदशी के दिन धनवंतरी का प्रादुर्भाव हुआ था, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा गया. धन एवं आरोग्य प्रदान करने वाली इस त्रयोदशी का विशेष महत्व है.
शास्त्रों में कहा गया है कि समुद्र मंथन के समय अन्य दुर्लभ और कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वंतरी एवं कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था. यही कारण है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन एवं उसके दिन पूर्व त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि भगवान धनवंतरी ने इसी दिन आयु में वृद्धि करने वाले आयुर्वेद का भी प्रादुर्भाव किया था.
भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है, जो आरोग्य प्रदान करते हैं। इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख एवं चक्र धारण किए हुए हैं और अन्य दो भुजाओं में औषधि के साथ वे अमृत कलश रखते हैं.
ऐसा माना जाता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है क्योंकि पीतल भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु है. यही कारण है कि भगवान धनवंतरी के जन्मदिवस अर्थात धनतेरस पर लोग खास तौर से पीतल के बर्तन खरीदते हैं. धनतेरस को लेकर मान्यता है, कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और लंबे समय तक चलती है लेकिन पीतल खरीदने से तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है. पीतल के साथ साथ सोना, चांदी, तांबा, कांसा आदि धातु भी खरीदने का विधान है.
धनतेरस के दिन लोग घरेलू बर्तन खरीदते हैं, वैसे इस दिन चांदी खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि चांदी चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और चन्द्रमा शीतलता का मानक है, इसलिए चांदी खरीदने से मन में संतोष रूपी धन का वास होता है क्योंकि जिसके पास संतोष है वो ही सही मायने में स्वस्थ, सुखी और धनवान हैं
सुरभित सुरभि जगत की ओर से सभी मित्रो को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं !
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