सफ़र पे हूँ - RJSURABHISAXENA

सफ़र पे हूँ



ज़िन्दगी की शाम कब कहाँ होगी ये देखना है अब तो
मेरे रात और दिन में तेरी महक है .. 
कुछ और वक़्त की जुस्तजूं है अब तो !!!!!

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