वो सुबह हो - RJSURABHISAXENA

वो सुबह हो

कभी  तो  वो  सुबह  हो  तेरे  आँगन में  यही  सोचते  हैं
होगी  जरूर  सोचते  रहो  मत , कभी  शाम  ढले  और  तेरी  बाहों  में  हो  हम 

1 comment:

  1. कुछ शीतल सी ताजगी का अहसास करा गई

    ReplyDelete

RJ Surabhii Saxena. Powered by Blogger.