आवाज़ का हुनर
मेरी आवाज़ ही है , जो गैरों को भी अपना बना लेती है
मेरी आवाज़ में मेरे जज़्बात का निशां बाकि है
जो हर पल आपके दर तक पहुँचे,तेरे दिल पर भी तो दस्तक दे यूँ ही
मेरे जज़्बात में मेरी आवाज़ का हुनर बाकि है,,
मेरी आवाज़ में मेरे जज़्बात का निशां बाकि है
जो हर पल आपके दर तक पहुँचे,तेरे दिल पर भी तो दस्तक दे यूँ ही
मेरे जज़्बात में मेरी आवाज़ का हुनर बाकि है,,
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