अल्फाज़
कुछ पंक्तियाँ कुछ अल्फाज़ हमारे लिए भी होते ,
कभी हम भी तो किसी की कविता का एक नाज़ होते ,
कोई हमको भी कभी तो पढ़ लेता ,
कभी हम भी तो एक कागज़ का टुकडा और लेखनी का परिभास होते ........
मौसम की तबाही में कभी हम भी तो फ़ना होते
काश हवाओं के मंद झोकों से तुम्हारे गेसू खुले होते
कभी हम भी आँचल की तरह तेरे सीने से लगे होते।
तेरी जुल्फों को कभी छूते, कभी तुम्हें अपने लगे होते 

ltimate one...wah wah wah ...waque dil se likha hai ....
ReplyDelete