मेरे ह्रदय की तान - RJSURABHISAXENA

मेरे ह्रदय की तान

क्या कभी सुन पाओगे तुम मेरे मन की गूँज हमदम
क्या कभी चुन पाओगे तुम मेरी राह के शूल हमदम
हर कदम पर ज़िन्दगी ने भी मुझे तनहा ही रक्खा
क्या कभी बन पाओगे तुम मेरे ह्रदय की तान हमदम

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